News| गुजरात के खेड़ा नडियाद में पांच लोगों की आयुर्वेदिक सिरप पि कर संदिग्ध मौत ,आखिर सच क्या है?

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Ayurved Syrub
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गुजरात में आयुर्वेदिक सिरप में मिथेनॉल की मिलावट के बाद पांच लोगों की रहस्यमय मौतें: सरकार ने की तब्दीली की जांच की मांग

गुजरात के खेड़ा जिले के नडियाद में आयुर्वेदिक सिरप पिने से पांच लोगों की जान चली गई। इस घटना की जाँच में सामने आया कि यह आयुर्वेदिक दवा में मिथेनॉल पाया गया पर एथेनॉल यानी कि शराब का कोई सबूत नहीं मिला अब यह मेथेनॉल कहां से आया इसकी पुलिस जांच कर रही है।

गांव के किराने की दुकान से खरीदी गई इस आयुर्वेदिक सिरप ने दो अस्पतालों में दाखिल होने वाले पांच व्यक्तियों को जीवन से वियोग कर दिया। मौत के पश्चात, एक मृतक के ब्लड सैंपल में मिथेनॉल का अंश पाया गया, जिसने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया।

पुलिस ने त्वरित जाँच की शुरुआत की और उनके अनुसार, जैसे ही उन्हें पता चला, एक व्यक्ति को हॉस्पिटल में ले जाया गया जबकि बाकी के चारों व्यक्तियों की जानकारी उपलब्ध नहीं थी, और उनका अंतिम संस्कार भी हो गया था। आखिरकार, जो व्यक्ति बचा, नटू भाई सुधा, उसके परिवार को समझाया गया और उसका पोस्ट-मॉर्टम करवाने के लिए उन्हें मनाया गया।

इसमें साफ है कि किरण, जो किशोर सुधाकर के बिलोद्र का आयुर्वेदिक सिरप बेचा था जिसे आसव कहा जाता है, जिसकी मात्रा 375 मिली लीटर थी, जिसमें सभी आयुर्वेदिक सामग्रीयाँ सही रूप से लिखी गई थीं। इस आयुर्वेदिक सिरप को पीने की वजह से इसका असर हुआ।

पुलिस अब तक इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है संदिग्ध दवा के सैंपल को जांच के लिए फोरेंसिक लेबोरेटरी भेजा गया है सवाल यह भी है कि अगर 50 से 60 लोगों ने आयुर्वेदिक दवा पी थी तो सिर्फ सात लोगों पर ही इसका असर क्यों हुआ साफ है कि पूरे मामले की गहन जांच के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आ सकती है।

इस मामले में पुलिस का कहना यह भी है कि एक अस्पताल में दाखिल हुए एक मरीज और एक मृतक के ब्लड सैंपल में मेथेनॉल का प्रमाण मिला, जबकि शराब, एथेनॉल पाया नहीं गया। फूड और ड्रग्स डिपार्टमेंट के साथ मिलकर, पुलिस ने आयुर्वेदिक सिरप की जाँच करने का निर्णय लिया है, जिसके नमूने विधिवत और विस्तृत जाँच के लिए फोरेंसिक लैबोरेटरी में भेजे गए हैं।

गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री, ऋषिकेश पटेल, ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि आयुर्वेदिक सिरप में बाहर से कुछ मिलावट की गई थी। उन्होंने लोगों से इस तरह के उत्पादों के सेवन में सतर्क रहने की सलाह दी है और सरकार ने इस मामले में तब्दीली की जांच की मांग की है।

इस घटना ने यह सिद्ध करता है कि आयुर्वेदिक उपचारों की सुरक्षा को बनाए रखने का महत्वपूर्ण है और प्राधिकृतिकरण के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जानी चाहिए। जांच जारी है और इसका उद्देश्य आयुर्वेदिक सिरप में हुई मिथेनॉल की मिलावट की सच्चाई को सामने लाना है और इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में रोकने के लिए कदम उठाना है।

इस दुखद घटना ने लोगों को स्वास्थ्य से जुड़े सवाल उठाने पर मजबूर किया है और सरकार को जल्दी कड़ी कार्रवाई करने की उम्मीद है।

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