News-महाराष्ट्र के खेतों (Agriculture)में खतरे की घंटी! सूखे की आशंका

0
67
agriculture
Image by lachetas on Freepik

महाराष्ट्र के खेतों (Agriculture)में खतरे की घंटी! सूखे की आशंका, अगस्त में 40% बारिश की तात्कालिक रिपोर्ट

जून से अगस्त तक, महाराष्ट्र में सामान्य 759.9 मिमी की तुलना में 658.7 मिमी बारिश हुई, जो कि 86.7 प्रतिशत है। यह संकेत देता है कि खेती (Agriculture)और किसानों के लिए मुश्किल दिन आ सकते हैं।

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में अगस्त में सामान्य बारिश का केवल 40 प्रतिशत दर्ज किया गया, जिससे आसन्न सूखे की चिंता पैदा हो गई। खेतों (Agriculture)में पानी की कमी के कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

जून और अगस्त के अंत के बीच इस मानसून में 11 जिलों में 32 से 44 प्रतिशत कम वर्षा हुई। यह संकेत है कि वर्षा की कमी के चलते किसानों को मुश्किलों से जुजना पड़ सकता है।

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने तालुकावार व्यापक योजनाओं के साथ स्थिति की निगरानी करने की पहल की है। उन्होंने बताया कि बारिश में हुई असामान्य लंबी अंतराल की वजह से स्थिति कठिन हो रही है। सरकार ने सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाने की दिशा में निर्देश जारी किए हैं।

खेतों (Agriculture)में सामान्य से 30 से 44 प्रतिशत कम वर्षा के कारण कई जिलों में परेशानी बढ़ सकती है। नासिक, धुले, नंदुरबार, जलगांव, पुणे, सतारा, सांगली, कोल्हापुर, परभणी, औरंगाबाद, जालना आदि जिलों में किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

खेती (Agriculture)में 10 से 15 प्रतिशत की गिरावट की संभावना दिख रही है, जिससे खाद्यान्न उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है। खेतों (Agriculture)में पानी की कमी के कारण किसानों को संघर्ष करना पड़ सकता है।

बारिश की कमी से नहीं ही केवल खेती(Agriculture), बल्कि पानी के स्रोतों की भी स्थिति खराब हो सकती है। बांधों में जल भंडारण की कमी होने से पीने के पानी की आपूर्ति में भी दिक्कतें आ सकती हैं।

आईएमडी की भविष्यवाणी के अनुसार, मानसून सितंबर और अक्टूबर की शुरुआत तक बढ़ सकता है, जिससे रबी की बुआई में मदद मिल सकती है। किन्तु किसानों को अब भी सतर्क रहना होगा और सरकारी योजनाओं का सही तरीके से लाभ उठाना होगा।

इस समस्याओं का समाधान निकालने के लिए सरकार, किसान संगठनें और विशेषज्ञों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। कृषि उत्पादन की सुरक्षा और किसानों के हित में संयमित प्रयासों की जरूरत है ताकि महाराष्ट्र की कृषि प्रणाली को मजबूती मिल सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here